Deoria News: बच्चों की सुरक्षा पर देवरिया प्रशासन का बड़ा कदम – अब हर स्कूल बस होगी सेफ और मॉनिटरिंग होगी सख्त

हर अभिभावक का सबसे बड़ा सपना यही होता है कि उनका बच्चा सुरक्षित माहौल में पढ़े-लिखे और तरक्की करे। सुबह जब छोटे-छोटे हाथ बैग लेकर घर से निकलते हैं तो माता-पिता के मन में यही चिंता रहती है कि वे सुरक्षित तरीके से स्कूल पहुँचें और वापिस लौटें। लेकिन कई बार लापरवाही, ओवरलोडिंग, फिटनेस की कमी और असुरक्षित ड्राइविंग इस विश्वास को तोड़ देती है। इन्हीं हालातों को देखते हुए देवरिया प्रशासन ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है।

कलेक्ट्रेट सभागार से शुरू हुई मुहिम

देवरिया कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विद्यालय यान सुरक्षा समिति की बैठक बच्चों की सुरक्षा को समर्पित रही। इस बैठक की अध्यक्षता विधायक रुद्रपुर श्री जय प्रकाश निषाद ने की। बैठक में जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर, एमएलसी प्रतिनिधि राजू मणि सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। यहां सिर्फ कागजों पर फैसले नहीं हुए बल्कि बच्चों की ज़िंदगी को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस और कड़े निर्णय लिए गए।

बच्चों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं

विधायक जय प्रकाश निषाद ने साफ कहा कि अब किसी भी विद्यालय बस में बच्चों को ठूंस-ठूंसकर नहीं बैठाया जाएगा। ओवरलोडिंग पर सख्त रोक रहेगी। चालक और परिचालक वर्दी में रहेंगे और विद्यालय प्रबंधन को यह जिम्मेदारी निभानी होगी कि उनके ड्राइवर समय-समय पर सुरक्षा के नियम समझें और उनका पालन करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी गाड़ी को पार्ट टाइम ड्राइवर नहीं चला सकता और बसों की पूरी सूची सार्वजनिक होनी चाहिए।

जिलाधिकारी के निर्देश बने आशा की किरण

बैठक में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर जो आदेश दिए, वे हर अभिभावक के दिल को सुकून देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालय बसों का फिटनेस कैंप में परीक्षण अनिवार्य होगा। हर बस में फर्स्ट एड बॉक्स, फायर सेफ्टी उपकरण, GPS सिस्टम और स्पीड गवर्नर होना जरूरी है। इसके अलावा सभी ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा और हर बस में CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। यह कदम बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।

पुलिस की सख्ती बनी भरोसे की गारंटी

पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने दो टूक शब्दों में कहा कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई ड्राइवर शराब पीकर वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सबसे कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यातायात पुलिस विद्यालय बसों की नियमित चेकिंग करेगी और एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर अभिभावकों को निगरानी में शामिल किया जाएगा। इससे माता-पिता भी सीधे सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बन पाएंगे।

अभिभावकों की भूमिका होगी अहम

बैठक में यह भी तय किया गया कि समय-समय पर अभिभावकों से फीडबैक लिया जाएगा। उनकी राय और सुझावों के आधार पर व्यवस्थाओं की समीक्षा होगी। यदि किसी विद्यालय ने नियमों की अनदेखी की तो उस पर प्रशासन तुरंत सख्त कार्रवाई करेगा। यह कदम अभिभावकों को केवल दर्शक नहीं बल्कि सुरक्षा अभियान का सक्रिय भागीदार बनाएगा।

“सुरक्षित स्कूल बस – सुरक्षित बचपन” की ओर कदम

देवरिया प्रशासन की यह पहल सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य की ठोस नींव है। यह कदम न केवल अभिभावकों का विश्वास बढ़ाएगा बल्कि समाज को यह संदेश भी देगा कि बच्चों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं होना चाहिए। जब हर बस फिटनेस टेस्ट से गुज़रेगी, हर ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन होगा और हर गाड़ी पर प्रशासन की निगरानी होगी तो माता-पिता अपने बच्चों को निश्चिंत होकर स्कूल भेज पाएंगे।

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