भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच हमेशा से खास माने जाते हैं, और इस बार का एशिया कप 2025 फाइनल भी इतिहास में दर्ज होने जैसा रोमांचक साबित हुआ। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस खिताबी मुकाबले में आखिरी गेंदों तक रोमांच बना रहा। अंत में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौंवीं बार एशिया कप का खिताब जीत लिया।
पाकिस्तान की पारी – अच्छी शुरुआत, लेकिन ढह गई बैटिंग

पाकिस्तानी टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और अच्छी शुरुआत भी की। साहिबजादा फरहान ने 57 रन और फखर जमां ने 46 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों ने कुछ समय तक भारतीय गेंदबाजों को परेशान किया। लेकिन जैसे ही भारतीय स्पिनरों ने लय पकड़ी, पाकिस्तान की बल्लेबाजी ढह गई। वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने बीच के ओवरों में लगातार विकेट निकाल टीम इंडिया को मैच में मजबूत कर दिया। पूरी पाकिस्तानी टीम 19.1 ओवर में सिर्फ 146 रन पर ऑल आउट हो गई।
भारत की शुरुआत कमजोर
147 रनों का लक्ष्य भारत के लिए आसान लग रहा था, लेकिन पाकिस्तान के गेंदबाजों ने शुरुआत में ही टीम इंडिया को झटका दे दिया। अभिषेक (5), सूर्यकुमार यादव (1) और शुभमन गिल (12) सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौट गए। 20 रनों पर भारत के तीन विकेट गिर चुके थे और स्टेडियम में सन्नाटा छा गया।
तिलक और संजू ने दिलाया भरोसा

इसके बाद तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने भारतीय पारी को संभाला। दोनों ने धैर्य से खेलते हुए साझेदारी की। हालांकि, संजू 24 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन तिलक ने एक छोर संभाले रखा। उन्होंने 41 गेंदों में शानदार अर्धशतक लगाया।
दुबे और तिलक की साझेदारी
शिवम दुबे मैदान पर आए और उन्होंने आते ही बड़े शॉट्स लगाए। रऊफ और फहीम अशरफ की गेंदों पर दुबे और तिलक ने ताबड़तोड़ रन बनाए। दुबे ने 22 गेंदों में 33 रन बनाकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया।
आखिरी ओवर का रोमांच
मैच आखिरी ओवर तक पहुंच गया। भारत को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे। तिलक वर्मा ने छक्का जड़कर मैच को आसान बना दिया और फिर रिंकू सिंह ने चौका लगाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी। तिलक वर्मा नाबाद 69 रन बनाकर असली हीरो बने।
क्यों खास थी यह जीत
यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी भर नहीं थी। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही बयानबाजी और मजाक ने इस मुकाबले को भारत के लिए सम्मान की लड़ाई बना दिया था। टीम इंडिया की जीत ने पाकिस्तान के घमंड को तोड़ते हुए पूरे देश को गर्व का अहसास कराया।
भारत ने पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार हराया और एशिया कप पर नौंवी बार कब्जा जमाया। यह जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार पलों में से एक बन गई।