जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रामपुर कारखाना के महर्षि देवरहा बाबा सभागार में 9 से 13 सितम्बर तक पाँच दिवसीय एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2023 की दृष्टि से अद्यतन कर विद्यालयी शिक्षा को अधिक गुणवत्तापूर्ण एवं बाल-केंद्रित बनाना रहा।
कार्यक्रम में निपुण भारत अभियान, कला एवं संगीत एकीकृत शिक्षण, स्वास्थ्य एवं खेल शिक्षा, जीवन कौशल, भाषा एवं गणित शिक्षण, अनुभवात्मक पद्धतियाँ, समावेशी शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, नवाचार आधारित शिक्षण, सुरक्षा-नेतृत्व आदि विविध विषय शामिल रहे।

प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी अखिलेश राय थे। इसमें संदर्भदाता के रूप में आफ़ताब अहमद, गोविन्द जी गुप्ता, रामदास, जितेंद्र कुमार, डॉ. परशुराम, डॉ. दिलीप गोंड, डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह,अनिल कुमार तिवारी, शिव प्रताप, सीमा कुमारी, राकेश कुमार सिंह, सतीश मिश्रा, आदर्श सिंह, शिखर शिवम् त्रिपाठी एवं आशुतोष नाथ तिवारी सहित अनेक विशेषज्ञों ने सक्रिय योगदान दिया।
डायट प्राचार्य श्री अनिल सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा –
“शिक्षण केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं, बल्कि बच्चों की जिज्ञासा, सृजनशीलता और मानवीय मूल्यों का विकास है। एक शिक्षक तभी सफल होता है जब वह विद्यार्थियों के भीतर सीखने की लगन और आगे बढ़ने का उत्साह जगा सके।”
अंतिम दिन समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। वक्ताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगा और विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
यह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण नवाचार, गुणवत्ता और सर्वांगीण विकास की दिशा में अत्यंत उपयोगी साबित हुआ।