Deoria News: विद्यालय विलय के सरकारी आदेश के विरुद्ध शिक्षकों का उग्र विरोध

देवरिया।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को समीपवर्ती विद्यालयों में विलय करने के निर्णय के खिलाफ अब शिक्षक समुदाय खुलकर विरोध की राह पर उतर आया है। जिले में शिक्षकों का यह गुस्सा अब उबाल पर है। इसी क्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, देवरिया इकाई ने बुधवार को जिला संयोजक जय शिव प्रताप चंद के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराया और निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की।

“तानाशाही आदेशों को रोका जाए” – संघ ने दी चेतावनी

संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उच्च स्तर पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या नीति निर्णय नहीं होता, तब तक जनपद स्तर पर विद्यालय विलय की प्रक्रिया पर तत्काल विराम लगाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय अव्यावहारिक, अवैध और तानाशाहीपूर्ण है जो विद्यालयों की मूलभूत व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा।

संगठन ने चेताया कि यदि शिक्षकों पर दबाव बनाया गया या किसी का उत्पीड़न हुआ, तो कड़ा विरोध और आंदोलन किया जाएगा। संघ के मुताबिक, यह सिर्फ किसी विद्यालय के विलय का सवाल नहीं है, बल्कि शिक्षा की नींव को कमजोर करने की साजिश है।

हर ब्लॉक स्तर पर सौंपे जाएंगे ज्ञापन

इस संघर्ष की रूपरेखा को और व्यापक बनाते हुए संघ ने जिले की सभी ब्लॉक इकाइयों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय विलय के विरोध में ज्ञापन सौंपें। साथ ही, सभी शिक्षकों से अपील की गई है कि वे इस संघर्ष में एकजुट होकर सक्रिय भागीदारी करें।

“संघ करेगा बड़ा आंदोलन”

संगठन ने संकेत दिया है कि यदि शासन ने शिक्षकों की बात नहीं सुनी, तो वे प्रांतीय नेतृत्व के निर्देशों के तहत धरना, प्रदर्शन और आंदोलन के रास्ते पर मजबूर होंगे। संघ ने यह भी कहा कि विभाग को चाहिए कि वह विद्यालयों की वास्तविक समस्याओं की ओर ध्यान दे, बजाय इसके कि जबरन और बिना ज़मीनी सच्चाई को समझे ऐसे आदेश लागू करे।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने किया आंदोलन का ऐलान, सभी ब्लॉकों में सौंपे जाएंगे विरोध पत्र, कुछ ब्लाक में सौपे गये ज्ञापन

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