भटनी। क्षेत्र के मिश्रौली दीक्षित गांव में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में दूसरे दिन कथा वाचक पंडित वागीश मणि त्रिपाठी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की गूढ़ व्याख्या करते हुए राजा परीक्षित और कलयुग के बीच हुए संवाद का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए किया गया संयमित आचरण ही व्यक्ति को कलयुग के प्रभाव से बचा सकता है।
कथा व्यास ने कहा कि राजा परीक्षित ने जब धरती पर कलयुग को देखा तो उसके प्रभावों से भयभीत हो उठे। उन्होंने धर्म की रक्षा हेतु चार स्थानों पर कलयुग को वास करने की अनुमति दी – जुआ, शराब, वेश्यावृत्ति और हिंसा। इस प्रसंग को श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर सुना। इस दौरान कथा में आध्यात्मिक रस का संचार करते हुए व्यास जी ने जीवन में श्रीमद्भागवत श्रवण की अनिवार्यता और प्रभु भक्ति की महिमा पर भी प्रकाश डाला। कथा के दौरान भक्ति संगीत और झांकियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम में यजमान विनोद दीक्षित के साथ ही भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित मिश्र, सत्यव्रत मिश्र, योगेश प्रजापति, मारकण्डेय दीक्षित, सुमन्त दीक्षित, धनंजय दीक्षित, मनोज कुमार, अजय दीक्षित, भगवान दीक्षित समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु मौजूद रहे।