देवरिया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले जिले के हजारों शिक्षकों ने सोमवार को ज़िला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य किए जाने के निर्णय को अव्यावहारिक और अनुचित बताया।

शिक्षकों की प्रमुख दलील
शिक्षकों ने ज्ञापन में कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, वर्ष 2010 से पूर्व नियुक्त अध्यापकों पर टीईटी (Teacher Eligibility Test) लागू नहीं होता। ऐसे में वर्तमान आदेश लाखों शिक्षकों की नौकरी और आजीविका पर संकट खड़ा करेगा।

दो लाख शिक्षक प्रभावित
जिला इकाई के पदाधिकारियों के अनुसार, इस फैसले से प्रदेश के लगभग दो लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। जिला संयोजक जयशिव प्रताप चन्द ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो महासंघ प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। वहीं, जिला सहसंयोजक विवेक मिश्रा ने इसे वरिष्ठ शिक्षकों के अनुभव और कार्यकुशलता का अपमान करार दिया।

अन्य संगठनों का भी समर्थन
कार्यक्रम में अन्य शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस दौरान हजारों शिक्षकों ने एकजुट होकर आंदोलन की तैयारी का संकल्प लिया और सरकार से नियम संशोधित करने की मांग की, ताकि शिक्षकों की आजीविका बची रह सके।
