प्रयागराज/देवरिया।
फर्ज निभाते-निभाते एक और पुलिसकर्मी ने अपने प्राण गंवा दिए। मांडा थाना क्षेत्र के दिघिया चौकी में तैनात सहायक चौकी इंचार्ज वीरेंद्र प्रताप सिंह की बीस दिन की लंबी जद्दोजहद के बाद लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई।
यह दुखद खबर सुनकर पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं उनके गांव रामपुर हुरहुरिया (भटनी, देवरिया) में मातम पसरा हुआ है।
रात की ड्यूटी और एक दर्दनाक हादसा
23 जून की रात लगभग नौ बजे दिघिया चौकी की ओर बाइक से जा रहे 55 वर्षीय वीरेंद्र प्रताप सिंह को धरांवनारा गांव के पास एक अज्ञात डंपर ने जोरदार टक्कर मार दी थी। यह हादसा प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग पर हुआ। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें तत्काल मांडा सीएचसी लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक देख उन्हें एसआरएन प्रयागराज रेफर किया गया।
PGI लखनऊ में नहीं बच सकी जान
प्रयागराज में इलाज के दौरान भी जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो परिजन वीरेंद्र प्रताप सिंह को संजीवनी की अंतिम उम्मीद के साथ लखनऊ के एसजीपीजीआई ले गए। लेकिन दुर्भाग्यवश 20 दिनों की लंबी चिकित्सा प्रक्रिया के बाद शनिवार सुबह 9 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
परिवार हुआ बेसहारा, पुलिस विभाग स्तब्ध
वीरेंद्र प्रताप सिंह अपने पीछे पत्नी माधुरी देवी, 26 वर्षीय पुत्र सूरज और 22 वर्षीय पुत्री काजल को छोड़ गए हैं। उनकी असामयिक मृत्यु ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है। बेटी और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।
उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामपुर खुरहुरिया, थाना भटनी (देवरिया) में किया जाएगा।
मांडा थाने के इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह सहित पूरे थाना स्टाफ ने शोक संवेदना व्यक्त की है। पुलिस विभाग ने एक कर्मठ, निष्ठावान और कर्तव्यपरायण अधिकारी को खो दिया है।