लार की गलियों में जब ढोल-नगाड़ों की थाप गूंजती है, रंग-बिरंगे जुलूस निकलते हैं और चारों ओर उत्सव का माहौल होता है, तो दिल अपने आप ही खुशियों से भर जाता है। लेकिन इन पलों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है। इसी सोच के साथ इस बार पारंपरिक डोल मेला और शोभा यात्राओं में एक नई और सराहनीय व्यवस्था लागू की जा रही है, जो न केवल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि आपसी भाईचारे को भी और मजबूत करेगी।

सलेमपुर की एसडीएम दिशा श्रीवास्तव और प्रभारी निरीक्षक उमेश कुमार बाजपेयी की अध्यक्षता में हुई पीस कमेटी की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया कि इस बार हर डोल आयोजक को दस वॉलेंटियर देने होंगे। ये वॉलेंटियर ‘पुलिस मित्र’ के रूप में काम करेंगे, जिन्हें थाने से प्रमाणित पहचान पत्र जारी किया जाएगा। यह कदम पुलिस और जनता के बीच भरोसे का एक नया पुल बनेगा, जहां सुरक्षा व्यवस्था केवल वर्दीधारियों के हाथ में नहीं, बल्कि समाज के अपने लोगों के हाथों में भी होगी।
इन पुलिस मित्रों की जिम्मेदारियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण होंगी—भीड़ को संभालना, सामाजिक सौहार्द बनाए रखना, जुलूस के तय मार्ग का पालन कराना और डीजे व लाउडस्पीकर की आवाज को मानक स्तर पर रखना। इसके अलावा यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस तक पहुंचाना भी इनके काम का हिस्सा होगा।

बैठक के दौरान नगर पंचायत लार की कई समस्याएं भी सामने आईं—कहीं नालियों की सफाई नहीं हो रही, तो कहीं बिजली के तार लटक रहे हैं या स्ट्रीट लाइट बंद हैं। एसडीएम ने बिजली विभाग को तार दुरुस्त करने के निर्देश दिए और सभी से आग्रह किया कि त्योहार को मिल-जुलकर, शांति और सद्भाव के साथ मनाया जाए। वहीं प्रभारी निरीक्षक ने स्पष्ट किया कि किसी भी हाल में शस्त्र प्रदर्शन नहीं होगा, डीजे केवल मानक नियमों के तहत बजेंगे और जुलूस अपने पुराने निर्धारित मार्ग से ही गुजरेगा।
इस बैठक में प्रधान संघ जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह, देवेंद्र सिंह राजू, अधिशासी अधिकारी बृजेश गुप्ता, चेयरमैन मूसा रजा लारी, प्रधान सुनील शाह समेत कई अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे। यह पहल निश्चित रूप से एक ऐसी मिसाल है जो दिखाती है कि जब प्रशासन और जनता साथ खड़े हों, तो हर आयोजन सुरक्षित, व्यवस्थित और यादगार बन सकता है।