देवरिया, 22 जुलाई 2025।
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) फेज-6 टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्री प्रत्यूष पाण्डेय ने की।
बैठक में बताया गया कि जनपद में एफएमडी टीकाकरण अभियान 23 जुलाई 2025 से 5 सितम्बर 2025 तक, कुल 45 दिनों तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान सभी पात्र पशुओं का निःशुल्क टीकाकरण एवं टैगिंग सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रचार-प्रसार पर विशेष बल
सीडीओ श्री पाण्डेय ने अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विकास खण्ड स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफएमडी एक अत्यंत संक्रामक पशु रोग है, जिससे पशुओं की मृत्यु एवं दुग्ध उत्पादन में भारी गिरावट हो सकती है। इस कारण प्रचार-प्रसार में कोई कोताही न बरती जाए।
प्रचार के लिए समाचार-पत्रों, पोस्टर, लीफलेट, बाल पेंटिंग प्रतियोगिता, बैनर, लाउडस्पीकर, कृषक गोष्ठियाँ और ग्राम पंचायतों की बैठकों जैसे माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, टीकाकरण से पहले सचल पशु चिकित्सा वाहनों में लगे स्पीकरों से ग्रामवासियों को सूचित करने के निर्देश भी दिए गए।
कोल्ड चेन की सतत निगरानी
सीडीओ ने बताया कि जनपद को प्राप्त वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुरक्षित रखा गया है। ब्लॉक स्तर पर समय से वैक्सीन का वितरण किया जाएगा, और कोल्ड चेन की सतत निगरानी की जाएगी।
टीकाकरण टीमों को निर्देशित किया गया है कि वैक्सीन का परिवहन केवल आइस जेल पैड या वर्षा रक्षक युक्त वैक्सीन कैरियर में ही किया जाए।
डिजिटल अभिलेख और भुगतान व्यवस्था
सभी टीकाकरण विवरणों को भारत पशुधन ऐप पर टीकाकरण के दिन ही दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। इसके आधार पर कार्यकर्ताओं को मानदेय प्रदान किया जाएगा।
- ₹5 प्रति पशु (टीकाकरण हेतु)
- ₹3.50 प्रति पशु (टैगिंग हेतु)
मानदेय का भुगतान ऐप पर डाटा अपलोडिंग के बाद निदेशालय स्तर से किया जाएगा।
सीरो मॉनिटरिंग और वैज्ञानिक परीक्षण
टीकाकरण की प्रभावशीलता जांचने हेतु सीरो मॉनिटरिंग योजना के अंतर्गत चयनित ग्रामों से प्री-वैक्सीनेशन (शून्य दिवस) और पोस्ट-वैक्सीनेशन (30वें दिन) पर रक्त सैंपल एकत्र किए जाएंगे।
इन सैंपलों को अधिकतम एक सप्ताह के भीतर राजकीय पशु चिकित्सालय देवरिया में जमा किया जाएगा और वहां से इन्हें वेटनरी कॉलेज, मथुरा की क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला को भेजा जाएगा।
प्री वैक्सीनेशन सैंपल से पहले चिन्हित पशुओं को परजीवीनाशक दवा पिलाना अनिवार्य होगा। सैंपल का 100% स्थलीय सत्यापन उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अथवा जनपदीय नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा। रिपोर्ट में विरोधाभास मिलने पर जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति
टीकाकरण कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. धोबी रौनक राजेश, पशु चिकित्सा अधिकारी, नलुअनी को नामित किया गया है। उनसे संपर्क हेतु मोबाइल नंबर 9369030281 जारी किया गया है।

अन्य निर्देश और व्यवस्थाएँ
- जिन पशुओं को पहली बार टीका लगेगा, उन्हें एक माह बाद बूस्टर डोज दी जाएगी।
- ग्रामसभावार टीकाकरण पंजिकाएं तैयार कर संस्थानों में सुरक्षित रखी जाएंगी।
- राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों व गोशालाओं में प्राथमिकता से टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
- सीमावर्ती विकास खंडों में सभी आवश्यक सामग्री जैसे सिरिंज, नीडिल आदि समय से उपलब्ध कराई जाएंगी।
- अभियान में 100% लक्ष्य प्राप्ति को लेकर सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सीडीओ ने अंत में कहा कि यह अभियान पशुधन की सुरक्षा, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और पशुपालकों की आजीविका को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी विभागीय अधिकारी आपसी समन्वय से इसे मिशन मोड में संचालित करें।