देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में शनिवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सफाईकर्मियों और सुपरवाइजरों ने अचानक काम बंद कर दिया। कर्मचारियों का आरोप है कि सदर कोतवाल विनोद सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनसे पूछताछ के दौरान मारपीट और उत्पीड़न किया। विरोधस्वरूप सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
सफाई व्यवस्था ठप, मरीजों को परेशानी
हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज परिसर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई। वार्डों और गलियारों में गंदगी का अंबार लग गया, जिससे मरीजों और तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी, इमरजेंसी और वार्डों के बाहर कूड़े के ढेर लग गए। नर्सिंग स्टाफ को भी स्वच्छता की कमी के कारण दिक्कतें हुईं।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद 6 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज परिसर की पानी की टंकी में मुंबई निवासी अशोक का शव मिलने के मामले से जुड़ा है। इस घटना की जांच के तहत पुलिस ने गुरुवार को करीब 25 सफाईकर्मियों, 5 सुपरवाइजर और 10 सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की थी। कर्मचारियों का आरोप है कि पूछताछ के दौरान उनसे मारपीट की गई और सुपरवाइजर अंकित सिंह को देर रात तक थाने में हिरासत में रखा गया। बताया गया कि प्राचार्य डॉ. रजनी पटेल के हस्तक्षेप पर उन्हें रात 2 बजे छोड़ा गया।
कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी
शनिवार सुबह सैकड़ों कर्मचारी मेडिकल कॉलेज परिसर में एकत्र हुए और कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि पुलिस निर्दोष कर्मचारियों को झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रही है, जबकि मृतक की संदिग्ध मौत की सही जांच नहीं की जा रही।
प्राचार्य के हस्तक्षेप से खत्म हुई हड़ताल
सुबह करीब 10:40 बजे प्राचार्य डॉ. रजनी पटेल मौके पर पहुंचीं और कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा, “हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन किसी तरह की प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और पुलिस के समक्ष तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट की जाएगी। प्राचार्य के समझाने पर कर्मचारियों ने दोपहर तक काम फिर से शुरू कर दिया।
पुलिस का पक्ष
पुलिस सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान किसी के साथ मारपीट नहीं की गई, केवल घटना से जुड़े तथ्यों की पुष्टि के लिए सवाल-जवाब किए गए। सदर कोतवाल विनोद सिंह ने बताया कि जांच में सहयोग करने वालों को कोई दिक्कत नहीं दी गई और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है।
फिलहाल पुलिस मृतक अशोक की मौत की जांच कर रही है कि वह मुंबई से देवरिया कैसे आया और टंकी तक कैसे पहुंचा।
कर्मचारियों के काम पर लौटने से सफाई कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन परिसर में तनाव और असंतोष का माहौल अभी भी बना हुआ है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने पुनः प्रताड़ना की, तो वे फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।




