देवरिया जिले के भाटपाररानी क्षेत्र के बड़का गांव दुबे का नाम रोशन करने वाले सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट अवनीश तिवारी की शादी राष्ट्रपति के पीएसओ असिस्टेंट कमांडेंट पूनम के साथ 12 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में होगा। अवनीश तिवारी बड़का गांव दुबे के रहने वाले अनिल तिवारी के सुपुत्र है। अवनीश अभी जम्मू में तैनात है। यह पहला अवसर है जो किसी की शादी राष्ट्रपति भवन में होगी।
राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस अनोखे विवाह समारोह को लेकर खास तैयारियां की जा रही हैं। मदर टेरेसा क्राउन परिसर में होने वाली इस शादी की अनुमति स्वयं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दी है। पूनम के अनुशासन, समर्पण और कार्यशैली से प्रभावित होकर राष्ट्रपति भवन में इस ऐतिहासिक विवाह की विशेष स्वीकृति दी गई है।

शादी में शामिल होंगे तमाम रिश्तेदार
शादी में शामिल होने के लिए अवनीश के माता-पिता व तमाम रिश्तेदार दिल्ली पहुंच रहे हैं। शादी में अवनीश व पूनम के करीबी रिश्तेदारों को ही आमंत्रित किया गया है। असिस्टेंट कमांडेंट अवनीश तिवारी की शादी को लेकर गांव से लेकर घर पर भी खुशी का माहौल है। अवनीश के चाचा राकेश तिवारी ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने पीएसओ पूनम के व्यवहार से बहुत प्रभावित हैं। दुल्हन बनने वाली पूनम मध्य प्रदेश के शिवपुरी के श्री राम कालोनी के रहने वाले नवोदय विद्यालय में कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात रघुवीर की बेटी हैं। बेटी पूनम राष्ट्रपति की पीएसओ के पद पर तैनात हैं। वहीं अवनीश के पिता अनिल तिवारी दार्जिलिंग में एक चाय कारखाना में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। अवनीश प्रारंभिक शिक्षा दार्जिलिंग में हुई है। पूरा परिवार गोरखपुर के नंदानगर में रहता है। गांव में भी आना-जाना होता है।

पूनम के व्यवहार से द्रौपदी मुर्मु बेहद प्रभावित हैं। जब उन्हें पताबB चला कि जम्मू कश्मीर में तैनात असिस्टेंट कमांडेंट अवनीश तिवारी से पूनम का विवाह तय हो गया है। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन के मदर टेरेसा क्राउन परिसर में उनके विवाह समारोह की व्यवस्था करने का आदेश किया। राष्ट्रपति के आदेश के बाद से शादी में शामिल होने वालों के नाम व मोबाइल नंबर के साथ मौजूद रहने वालों की सूची तैयार की गई है।

राष्ट्रपति भवन के मयूर अपार्टमेंट में रहेंगे 42 बराती
अवनीश एवं पूनम के शादी समारोह में कुल 94 लोगों को आमंत्रित किया गया है। जिसमें 42 बरातियों को राष्ट्रपति भवन के मयूर अपार्टमेंट में ठहरने के लिए इंतजाम किया गया है। इसके अलावा नौ लोगों को कोटा हाउस में तथा 19 लोगों को न्यू दिल्ली के 6 बीएचके में ठहरने का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही सात लोगों को एक बीएचके आउटसाइड में ठहरने का व्यवस्था दिया गया है। आमंत्रित अतिथियों की जांच पड़ताल के साथ उनका मोबाइल नंबर व आधार कार्ड नंबर भी सूची में जारी किया गया है।
परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं
अवनीश के रिश्ते के दादा रामनाथ तिवारी,दयानंद तिवारी, हरि नाथ तिवारी बोले पहली बार राष्ट्रपति भवन में जाने का मौका मिला है। यह सब पौत्र की वजह से मिला है। बोले यह सम्मान पहली बार मिल रहा है। हम लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि राष्ट्रपति भवन में इस तरह का सम्मान मिलेगा।
चाचा राकेश तिवारी एवं करुणेश तिवारी ने कहा कि अवनीश ने परिवार ही नहीं बल्कि जनपद का नाम रोशन किया है। पूरा परिवार खुश है। जीवन में सोचा भी नहीं था कि राष्ट्रपति भवन में समारोह आयोजित होगा। यह सब ईश्वर की कृपा है।
गांव में भी खुशी का माहौल
बड़कागांव दुबे के रहने वाले गौरव तिवारी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। बोले मेरे गांव के लाल ने पूरे गांव का सम्मान बढ़ा दिया। अवनीश शुरू से ही मेधावी रहे।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, खास मेहमानों की लिस्ट तैयार
इस हाई-प्रोफाइल शादी में कुल 94 मेहमान शामिल होंगे। सभी आमंत्रित मेहमानों की पूरी जांच-पड़ताल की गई है। उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर की सूची तैयार कर ली गई है।

राष्ट्रपति भवन में शादी: गौरव, सम्मान और प्रेरणा का संगम
अवनीश और पूनम की शादी न केवल प्रेम और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह दिखाती है कि कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन से व्यक्ति कितनी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। यह शादी सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण भी है, जो हमेशा याद रखा जाएगा।

राष्ट्रपति भवन में शादी करने वाली पहली महिला सीआरपीएफ अधिकारी पूनम गुप्ता
रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता मध्य प्रदेश से हैं. पूनम ने मैथामेटिक्स में ग्रेजुएशन किया है और इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में पोस्ट-ग्रेजुएशन और फिर बीएड भी किया है।

2018 में दी थी यूपीएससी सीएपीएफ की परीक्षा : उन्होंने 2018 में यूपीएससी सीएपीएफ की परीक्षा के लिए अप्लाई किया था और इसमें उन्होंने 81वीं रैंक प्राप्त की थी।
बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कर चुकी हैं काम : पूनम गुप्ता ने बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ की असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर भी काम किया है. उनकी कहानी धैर्य और दृढ़ता की कहानी है जो देश की कई युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा है।